जय जवान जय किसान
आज हम जानेंगे भारतीय किसान वेब पोर्टल पर कड़ी पत्ता या मीठा नीम की खेती के बारे में तथा इस का उपयोग किस तरह किन किन व्यंजनों में किया जाता है तथा भारत में कहा कहा पर इस की खेती कर किसान लाभ कमा रहे है ।
मीठा नीम (करी पत्ता) के औषधीय गुण और उपयोग
कढ़ी पत्ता उष्णकटिबंधीय तथा उप – उष्ण कटिबंधीय प्रदेशों में पाया जाने वाला एक पेड़ है , जो मूलतः भारत का देशज है । कढ़ी पत्ते का वैज्ञानिक नाम मुराया कोएनिजी , रूटेसी परिवार का एक पेड़ है ।
1)अक्सर रसेदार व्यंजनों में इस्तेमाल होने वाले इसके पत्तों को ‘ कढ़ी पत्ता ‘ कहते हैं । कुछ लोग इसे ‘ मीठी नीम की पत्तियां भी कहते हैं । मीठे नीम के पत्ते विशेषकर कढ़ी में डाले जाते हैं । मीठे नीम का वृक्ष छोटा और मधुर सुगन्ध वाला होता है । ये वृक्ष अपने आप पैदा हो जाते हैं और इन्हें बगीचों में भी उगाया जाता है । कन्नड़ भाषा में इसका शब्दार्थ निकलता है ‘ काला नीम , क्योंकि इसकी पत्तियां देखने में कड़वे नीम की पत्तियों से मिलती – जुलती हैं । लेकिन इस कढ़ी पत्ते के पेड़ का नीम के पेड़ से कोई संबंध नहीं है । वास्तव में यह ( कढ़ी पता ) तेज पत्ता या तुलसी के पत्तों , जो भूमध्यसागर में मिलने वाली खुशबूदार पत्तियां हैं , उनसे बहुत अलग है । • केरल , तमिलनाडु , बंगाल , बिहार और हिमालय में कुमाऊँ से सिक्किम की ओर के प्रदेशों में ये वृक्ष होते हैं । गुजरात और महाराष्ट्र में इन वृक्षों को बगीचों में उगाया जाता है ।
2)इसके फूल छोटे , सफेद और कलंगी के समान होते हैं । इसके पत्ते एक – डेढ़ , इन्च लम्बे तथा सुगन्धयुक्त होते हैं ।
3)मीठे नीम के पत्ते सूगन्ध लाने के लिए ही कढ़ी में डाले जाते है । इन पत्तों का उपयोग चटनी और मसालों में होता है । मीठे नीम के पत्ते शीतल , कटु , तिक्त और कुछ कसैलापन लिए हुए तथा लघु है । ये दाह , अर्श ,कृमि , शूल – संताप , सूजन कोढ़ , भूत – बाधा और विषनाशक होते हैं ।
4)इनमें मैंथी और पालक की भाजी की अपेक्षा – विटामिन ‘ ए ‘ अधिक मात्रा में है ।
5)अन्य भाजियों की अपेक्षा इसमें कार्बोहाइड्रेट और प्रोटीन 2 – 3 गुना अधिक है ।
आकृति तथा आकर
1)यह पेड़ छोटा होता है , जिसकी ऊंचाई 2 – 4 मीटर होती है और तने का व्यास 40 सें . मी . होता है ।
2)इसकी पत्तियां नुकीली होती है , हर टहनी में – 11 – 21 पत्तीदार कमानियां होती हैं और हर कमानी 2 – 4 सें . मी . लम्बी व 1 – 2 सें . मी . चौड़ी होती है । ये पत्तियां बहुत ही खुशबूदार होती हैं ।
3)इसके फूल छोटे – छोटे , सफेद रंग के और खुशबूदार होते है । • इसके छोटे – छोटे , चमकीले काले रंग के फल तो खाए जा सकते हैं , लेकिन इनके बीज जहरीले होते हैं ।
उगाने की विधि :
1)पौधे उगाने के लिए ताजे बीजों को बोना चाहिए , सूखे या मुरझाये फलों में अंकुर – क्षमता नहीं होती ।
2)फल को या तो सम्पूर्ण रूप से ( या गूदा निकालकर ) गमले के मिश्रण में गाड़ दीजिये ।