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सोयाबीन की खेती कैसे करे
इस गर्मी के बाद बारिश के मौसम में बुवाई के लिए एक नई किस्म का इजाज की गई है यह किस्म सोयाबीन की उन्नत किस्म है। यह किस्म जीएस से क्रॉस कर बनाई गई है इसके बीच का कोना हल्का ब्राउन गुलाबी होता है तथा इसके फूल का रंग भी इसी तरह बिना होता है दूसरी सोयाबीन से इसका बीज का नामकरण जीएसके क्रॉस के कारण इस का नाम जीएस 20-34 रखा गया है।
सोयाबीन की एक उन्नत किस्म : – जेएस 20 – 34 एक नई किस्म हैं जो JNKVV द्वारा विकसित की गई हैं । इसकी उपज लगभग 8 – 10 क्विण्टल / एकड़ होती हैं ।
1) इस किस्म की अंकुरण क्षमता अधिक होती हैं तथा यह विभिन्न रोगो के प्रति प्रतिरोधी होती हैं ।
2) तापमान अप्रभावी , पौधा अधिक ऊंचाई का नहीं होता है लेकिन इस किस्म के सोयाबीन कि एक लाइन से दूसरी लाइन के बीच खाली जगह नहीं रहती अर्थात इस सोयाबीन के पत्तियों व टहनियो का फैलाव अधिक होने से खरपतवार कम होता है जिस से किसान भाइयों को खरपतवार में काफी फायदा मिलेगा , पौधा चमकदार होता हैं , फली का रंग हल्का पीला होता हैं ।
3) यह किस्म लगभग 85-88 दिन में पक कर तैयार हो जाती हैं ।
4) यह कम और मध्यम वर्षा के लिए उपयुक्त है और हल्की से मध्यम मिट्टी के लिए उपयुक्त हैं।
यह सोयाबीन गलन वाले स्थनो को छोड़ कर सभी खेतों में बोई जा सकती है ।
सोयाबीन बुआई से पहले बिजो का अंकुरण कर के देखले तथा बुआईपहले 4-5 घंटा पहले बीज उपचार करे या तुरंत कर सकते है बीज उपचार में बीज का छिलका नहीं निकालना चाइए नहीं तो बीज अंकुरित नहीं होगा ।
सोयाबीन की खेती कैसे करे सोयाबीन बुआई के साथ जरूरत होने पर रासायनिक खाद का उपयोग करे । अन्यथा खेत खराब होने का खतरा हो जाता है। गोबर खाद का उपयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाइए।गर्मी के समय में गहरी जुताई करे जिस से इलीका व लट्टो का प्रकोप कम होगा ।गर्मी में पुप्पा अगर गहरी जुताई से मर जाएगा तो तितली नहीं आएगी और ना ही इल्ली पैदा होगा ।
जय जवान जय किसान